इसको सूर्य की एक परिक्रमा करने में 88 दिन का समय लगता हैं | यहाँ का 1 वर्ष 88 दिन का होता हैं |
यह मुख्यतः लोहे और जस्ते ( Zinc ) का बना हैं |
बुध ग्रह 47 किलोमीटर प्रति सेकण्ड की गति से अपने अक्ष पर चक्कर लगा रहा हैं |
यह सूर्य के चारों ओर सबसे तेज गति से घूमता हैं |
इस ग्रह पर एक दिन पृथ्वी के लगभग 59 दिनों के बराबर होता हैं | अर्थात् यहाँ के 2 वर्षों में केवल 3 ही दिन होते हैं |
बुध ग्रह पर दिन के समय का तापमान अत्यधिक गर्म 427 ०C और रात के समय का तापमान अत्यधिक ठंडा – 180 ०C होता हैं | यह इतना गर्म और ठंडा इसलिए होता हैं क्योंकि इस पर पर्याप्त वायुमंडल नहीं हैं |
इस ग्रह पर कोई चुम्बकीय क्षेत्र मौजूद नहीं हैं |
इस ग्रह की सतह पर उबड़ – खाबड़ पहाड़ियाँ हैं | जिस कारण यह हमारे चन्द्रमा के समान दिखाई देता हैं |
इसका कोई प्राकृतिक चन्द्रमा या उपग्रह नहीं हैं |
इस ग्रह को पृथ्वी के आसमान में सुबह या शाम के समय देखा जा सकता हैं | लेकिन रात के समय इसे नहीं देखा जा सकता हैं |
यह लगभग 70 % धातु और 30 % सिलिकेट पदार्थो का बना हुआ हैं | यह एक चट्टानी ग्रह हैं |
रोमन मिथकों के अनुसार बुध को व्यापार, यात्रा का देवता माना गया हैं | इसे देवताओं का संदेशवाहक भी कहा जाता हैं | क्योंकि यह ग्रह आकाश में काफी तेजी से गमन करता हैं | सुमेरियन काल में इसे सूर्योदय का तारा तो कभी सूर्यास्त का तारा कहा जाता था |
अबतक इस ग्रह पर 2 अंतरिक्ष यान मैसेन्जर और मेरिनर-10 जा चुके हैं |
सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह
शुक्र ( Venus Planet ) ग्रह –
यह सूर्य से दुसरे नंबर पर स्थित हैं |
इसका व्यास 12,103.6 किलोमीटर हैं |
सूर्य से इसकी दूरी 1,08,20,000 किलोमीटर हैं |
शुक्र ग्रह पर एक वर्ष 224.7 दिन का होता हैं |
चंद्रमा के बाद यह आसमान में चमकने वाला सबसे चमकीला ग्रह हैं |
यह 35 किलोमीटर प्रति सेकण्ड की गति से परिक्रमण कर रहा हैं |
इसका द्रव्यमान 4.8685 X 1024 किग्रा. हैं |
इसका कोई प्राकृतिक उपग्रह नहीं हैं |
यह सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह हैं | इसका तापमान 462 ०C हैं |
इस पर कोई कार्बन चक्र मौजूद नहीं हैं | जिसके कारण इसकी चट्टानें और सतह कार्बन को स्थाई नहीं रख पाती और ना ही कार्बन चक्र में जीवद्रव्य को अवशोषित करने के लिए कोई कार्बनिक जीवन यहाँ मौजूद नहीं हैं |
शुक्र ग्रह की सतह पर लाखों की संख्या में ज्वालामुखी हैं | प्रत्येक 100 किलोमीटर के दायरें में 167 के लगभग विशाल ज्वालामुखी हैं |
इस ग्रह पर बिजली कड़कती हैं लेकिन कोई वर्षा नहीं होती | जबकि कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि यहाँ सल्फ्यूरिक एसिड की वर्षा होती हैं जो सतह तक नहीं पहुँचती | यह सतह से 25 किलोमीटर ऊपर ही वाष्प बन जाती हैं | कुछ अनुमान है कि यहाँ ज्वालामुखी विस्फोट से उड़ी राख के कारण बिजली पैदा होती हैं |
इसका आकार लगभग पृथ्वी के बराबर हैं | इसलिए इसे पृथ्वी की बहन भी कहा जाता हैं |
यहाँ का एक दिन पृथ्वी के लगभग 243 दिनों के बराबर होता हैं |
शुक्र सौरमंडल में इकलौता ऐसा ग्रह है जो अपने अक्ष पर 243 दिन में घूमता हैं | जबकि सूर्य के चारों ओर यह 224.7 दिन में ही एक चक्कर पूरा कर लेता हैं |
इसका वायुमंडल बहुत ही घना हैं जो CO2 और नाइट्रोजन से मिलकर बना हैं |
इस ग्रह पर सौरमंडल का सबसे शक्तिशाली ग्रीन हाउस प्रभाव उत्पन्न होता हैं | जिसके कारण यह सबसे गर्म ग्रह हैं |
इसका चुम्बकीय क्षेत्र पृथ्वी की तुलना में बहुत ही कमजोर हैं |
इस पर अब तक 45 से अधिक अन्तरिक्ष यान भेजे गए हैं |
इस ग्रह का नाम प्यार और सुन्दरता की रोमन देवी के नाम पर रखा गया |
हमारा Home Planet पृथ्वी
पृथ्वी ( Earth Planet ) ग्रह –
Earth Planet
पृथ्वी सौरमंडल का इकलौता ऐसा ग्रह हैं जिस पर जीवन हैं |
सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी 15 करोड़ किलोमीटर हैं |
पृथ्वी सूर्य के गोल्डीलोग जॉन में स्थित हैं | यह किसी तारे का ऐसा क्षेत्र होता है जिसमें मौजूद ग्रहों पर जल तरल अवस्था में होता है |
यह सूर्य के चारों ओर एक चक्कर 365 दिनों में पूरा करता हैं |
इसकी परिक्रमण गति 30 किलोमीटर प्रति सेकण्ड हैं |
इस पर एक दिन 24 घंटो का होता हैं |
इसे नीला ग्रह भी कहा जाता है |
इसका द्रव्यमान 5.97219 X 1024 किग्रा. हैं |
इसका एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा हैं | सूर्य के बाद आसमान में सबसे अधिक चमकीली चीज चन्द्रमा हैं |
पृथ्वी की उम्र लगभग 4.54 अरब वर्ष हैं |
यह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते समय अपने अक्ष पर झुकी हुई हैं | जिसके कारण इस ग्रह पर विभिन्न प्रकार के मौसम जैसे – गर्मी, सर्दी, बरसात होते हैं |
पृथ्वी और चंद्रमा के बीच गुरुत्वाकर्षण बल के कारण पृथ्वी के समुद्रों में ज्वारभाटा आता हैं |
इस ग्रह पर जीवन का आरंभ लगभग 1 अरब वर्ष पहले हुआ |
पृथ्वी का नाम पौराणिक कथाओं के देव महाराज पृथु के नाम पर रखा गया |
हमारी पृथ्वी पर सबसे गहरी जगह Mariana Trench ( मेरियाना गर्त ) हैं जिसकी गहराई समुद्र तल से 10,911 मीटर हैं | जबकि पृथ्वी पर सबसे ऊँचा भाग Mount Everest ( माउंट एवरेस्ट ) हैं जिसकी ऊँचाई 8,848 मीटर हैं |
पृथ्वी के बारें में अनोखी बातें –
पृथ्वी की आकृति गोल न होकर अंडाकार हैं |
चन्द्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण पृथ्वी के समुद्रों में ज्वारभाटा आता हैं |
चन्द्रमा की तात्कालिक कक्षीय दूरी पृथ्वी के व्यास की तीस गुना हैं | इसलिए आसमान में सूर्य और चन्द्रमा का आकार हमेशा बराबर दिखाई देता हैं |
पृथ्वी के चारों ओर 16,000 से अधिक Space Debris ( अंतरिक्षीय मलबे ) के टुकड़े घूम रहें हैं |
अदभुत लाल ग्रह मंगल
मंगल ( Mars Planet ) ग्रह –
Mars Planet
मंगल ग्रह का लाल रंग फेरिक ( लोहा ) ऑक्साइड के कारण होता हैं |
मंगल पर चुम्बकीय क्षेत्र के सबूत नहीं पाए गए हैं |
इस पर सिलिकॉन, ऑक्सीजन के अलावा मंगल ग्रह की पर्पटी में बहुत अधिक मात्रा में लोहा, मैग्नीशियम, एल्युमिनियम, कैल्शियम, पोटैशियम पाए जाते हैं |
मंगल ग्रह की मिट्टी की क्षारीय Ph 7.3 के लगभग हैं |
लगभग 4 अरब वर्ष पूर्व मंगल ग्रह से प्लूटो ( Pluto ) के आकार के उल्कापिंड के टकराने के कारण मंगल ग्रह पर जीवन नष्ट हो गया | क्योंकि मंगल ग्रह पर 10,600 km X 7,500 km की गहरी घाटी बनी हुई हैं | जो सौरमंडल की सबसे बड़ी घाटी मानी जा रही हैं |
मंगल ग्रह पर स्थित सबसे बड़ी घाटी जिसका नाम बोरेलिस घाटी हैं | जो ग्रह के 40 प्रतिशत हिस्से में बनी हुई हैं |
इस ग्रह पर पाए गए खनिज तत्व और Ph की क्षारीय मात्रा, मंगल का वातावरण पृथ्वी के वातावरण से कुछ मेल खाता हैं | इन तत्वों की उपस्थिति पृथ्वी पर हरियाली के सबूत हैं | अर्थात् पादपों के पनपने के लिए उपर्युक्त हैं |
इस ग्रह का वायुमंडलीय दाब निम्न कोटि का हैं | जिसके कारण यहाँ तरल रूप में जल नही पाया जाता हैं | अर्थात् मंगल पर ठोस बर्फ होने के सबूत उपलब्ध हैं |
मंगल ग्रह का द्रव्यमान बहुत कम हैं | इसका कम द्रव्यमान बृहस्पति ग्रह की कक्षा के भीतर उपस्थित धूमकेतुओं के कारण होता हैं | इन सभी के कारण मंगल से उल्काओं के टकराने की सम्भावना भी अधिक रहती हैं | फिर भी मंगल ग्रह का वायुमंडल छोटी उल्काओं के प्रहार के खिलाफ ग्रह को संरक्षण प्रदान करता हैं |
मंगल ग्रह ने अपना वायुमंडल करीब 4 अरब वर्ष पहले खो दिया | जिसके कारण सौर वायु ( तारों की ऊर्जा ) मंगल के आयन मंडल से सीधे सम्पर्क करती हैं |
इस ग्रह के वायुमंडल में CO2 95 प्रतिशत, नाइट्रोजन 3 प्रतिशत, तथा 1.6 प्रतिशत ऑर्गन, ऑक्सीजन और पानी के निशान मौजूद हैं | इसका वायुमंडल धूल युक्त हैं |
मंगल ग्रह पर मीथेन पायी गई हैं जो मीथेन पैदा करने वाले जीवों के होने का सबूत भी देती हैं | मीथेन का निर्माण – सूक्ष्म जीवों द्वारा तथा एक गैर जैविक प्रक्रिया सरपेटाईनिजेशन से बनती हैं | इस प्रक्रिया में H2O, CO2 और ओलिविन खनिज के मिलने पर बनती हैं |
मंगल पर जीवन की संभावना – मंगल की मिट्टी के पोषक तत्व जो जीवन को आधार देने के लिए समर्थ होते हैं | मंगल ग्रह पर मीथेन और फॉर्म एल्डिहाइड की छोटी मात्रा का पता लगाया गया हैं | ये रासायनिक यौगिक मंगल के वातावरण में जल्दी से टूट जायेंगे |
सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह
बृहस्पति ( Jupiter Planet) ग्रह –
Jupiter Planet
यह हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है |
यह गैस का बना हुआ एक विशालकाय पिंड है |
रोमन सभ्यता के लोगो ने इसका नाम अपने देवता जुपिटर के नाम पर रखा था |
यह मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का बना हुआ हैं | इसके वायुमंडल में मीथेन, अमोनिया, सिलिकॉन, सल्फर, जलवाष्प पाये जाने के संकेत मिले हैं | इसके आन्तरिक भाग में एक चट्टानी कोर है जो भारी तत्वों से बना हुआ हैं |
इस ग्रह का एक शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र हैं |
इसके अब तक 67 प्राकृतिक उपग्रह ( चन्द्रमा ) खोजे जा चुके हैं | इसका सबसे बड़ा उपग्रह गैनिमीड हैं जो आकार में बुध ग्रह के बराबर हैं |
इसका आयतन 1321 पृथ्वियों के बराबर हैं |
इस पर सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रहीय वायुमंडल मौजूद हैं | जिसकी ऊँचाई 5000 किलोमीटर तक हैं |
इस पर बहने वाली हवाओं की रफ्तार 360 किलोमीटर प्रति घंटा होना भी आम बात हैं |
बृहस्पति की सूर्य से दूरी लगभग 77 करोड़ 80 लाख किलोमीटर हैं |
बृहस्पति की एक साल में लगभग 4333 दिन होते हैं | सामान्य भाषा में कहे तो यह सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में लगभग 11.86 वर्षों का समय लेता हैं |
यह अपने अक्ष पर सौरमंडल के सभी ग्रहों से तेज गति से घूमता हैं | यह अपने अक्ष पर एक चक्कर 9.9 घंटे में पूरा कर लेता हैं |
इस ग्रह के चारों ओर शनि ग्रह के समान Rings पायी जाती हैं | ये Rings धूल के कणों से बनी होती हैं |
इस पर सबसे जानी – पहचानी आकृति विशालकाय लाल धब्बा हैं | जिसे Great Red Spot कहा जाता हैं | यह इस ग्रह पर चलने वाला एक भयंकर चक्रवाती तूफ़ान हैं | यह चक्रवाती तूफान इतना बड़ा है कि इसमें तीन पृथ्वी समा सकती हैं |
बृहस्पति ग्रह को रात को आसमान में नग्न आँखों से देखा जा सकता हैं | कभी – कभी इस ग्रह को दिन में भी देखा जा सकता हैं | जब सूर्य नीचे हो |
इसे सौरमंडल का Vacuum Cleaner कहा जाता हैं क्योंकि ये सौरमंडल में फैले उल्का, धूमकेतु, धूल के कणों, बड़ी चट्टानों को अपने अन्दर समाहित करके एक तरह से सौरमंडल की सफाई करता हैं |
इसके अनेकों चन्द्रमाओं में से कुछ पर भूमि के नीचे महासागरों की उपस्थिति होने के प्रमाण मिलने से इन पर जीवन होने की संभावना की अटकलों को जन्म दिया | वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी की तरह बृहस्पति पर जीवन की अधिक संभावना नहीं हैं |
इस ग्रह पर बिजली कड़कने के प्रमाण भी मिल चुके हैं | ऐसा माना जा रहा है कि इस ग्रह पर मौसम और ऋतुएँ भी हो सकती हैं |
सौरमंडल का सबसे शानदार ग्रह
शनि ( Saturn Planet ) ग्रह –
Saturn Planet
यह सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह हैं |
इसका कक्षीय परीभ्रमण पथ 14,29,40,000 किलोमीटर लम्बा हैं |
इसके 62 प्राकृतिक उपग्रह हैं | जिसमें टाइटन सबसे बड़ा हैं | टाइटन बुध ग्रह से भी बड़ा हैं |
टाइटन पर एक बड़ा वायुमंडल मौजूद हैं | टाइटन सौरमंडल का एकमात्र उपग्रह हैं जिस पर बड़े आकार का वायुमंडल मौजूद हैं |
गैलीलियो गैलिली ने सन 1610 में इस ग्रह की खोज की |
शनि ग्रह 75 % हाइड्रोजन और 25 % हीलियम से बना हुआ हैं और इस ग्रह पर जल, मीथेन, अमोनिया और पत्थर इस पर कम मात्रा में मौजूद हैं |
इसका द्रव्यमान 5.6846 X 1026 किग्रा. हैं |
शनि पर हवाओं की रफ्तार 1800 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती हैं |
यह मुख्य रूप से हाइड्रोजन का बना हैं | इसके वायुमंडल में अमोनिया, एसिटिलिन, इथेन और प्रोपेन मौजूद हैं |
इसका चुम्बकीय क्षेत्र भी पृथ्वी की तरह धुवीय लाईट ( Aurora ) पैदा करता हैं |
शनि और सूर्य के बीच की दूरी 1.4 अरब किलोमीटर के लगभग हैं |
शनि के Rings को बनाने वाले कुछ कण का आकार धूल के कण के बराबर और कुछ कणों का आकार 10 मीटर तक होता हैं |
इसका फ़ोबे ( Phoebe ) नामक उपग्रह इसके विपरीत दिशा में घूमता हैं |
यहाँ का एक दिन 10.3 घंटे का होता हैं |
यह सूर्य के चारों ओर एक चक्कर लगभग 29.5 वर्षों में पूरा करता हैं | आसान भाषा में कहा जाये तो यहाँ की एक साल पृथ्वी के 29.5 वर्षों के बराबर होती हैं |
शनि ग्रह को सूर्य से जितनी ऊर्जा प्राप्त होती हैं उससे 3 गुणा अधिक ये अन्तरिक्ष में छोड़ देता हैं |
इसके उपग्रह एन्सेलेड्स को अक्सर सूक्ष्म जैविक जीवन का क्षेत्र माना जाता हैं |
इसका तापमान – 168 ०C के लगभग हैं |
इस पर जाने वाला पायोनियर – 11 अन्तरिक्ष यान शनि के बादलों के अन्दर लगभग 20,000 किलोमीटर के भीतर तक जाने वाला पहला अन्तरिक्ष यान बना |
इसकी भूमध्य रेखा के ऊपर चारों ओर 7 Rings ( छल्ले ) पाए जाते हैं | जो इसको सौरमंडल का सबसे अलग और शानदार ग्रह बनाते हैं | इसके छल्ले बर्फ और धूल के कणों से बने हुए हैं |
प्राचीन इतिहास में भी शनि चर्चा का विषय रहा हैं | भारतीय संस्कृति में शनि को सूर्य का पुत्र माना गया हैं जो मारक, अशुभ और दुःख की दशाओं के प्रतीक के रूप में माना जाता हैं |
सौरमंडल का सबसे दूर स्थित ग्रह
वरुण ( Neptune Planet ) ग्रह –
Neptune Planet
यह हमारे सौरमंडल का 8 वाँ ग्रह हैं |
वरुण पृथ्वी के मुकाबले सूर्य से 30 गुना अधिक दूर हैं |
इसको सूर्य के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में पृथ्वी के 165 वर्ष लगते हैं |
यह ग्रह 23 सितंबर 1846 को दूरबीन से खोजा गया |
इस जमे हुए ग्रह पर बर्फ जल, अमोनिया और मीथेन की बनी होती हैं |
वरुण पर का नाम रोमन धर्म में समुद्र के देवता Neptune के नाम पर रखा गया | Neptune देवता के हाथ में त्रिशूल था | इस कारण Neptune का खगोलीय चिन्ह त्रिशूल होता हैं |
इस ग्रह पर 2100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएँ चलती हैं |
इसका तापमान – 128 ०C के लगभग होता हैं |
यह अपने अक्ष पर 16 घंटे 6 मिनट में एक चक्कर पूरा करता हैं | आसान भाषा में कहा जाये तो यहाँ का एक दिन 16 घंटे 6 मिनट का होता हैं |
वरुण ग्रह का नीला रंग इसके ऊपरी वायुमंडल में मौजूद मीथेन गैस के कारण होता हैं |
वरुण ग्रह सूर्य से 4.5 अरब किलोमीटर दूर हैं |
इसका द्रव्यमान 1.0243 X 1026 किग्रा. हैं |
इस के वातावरण में 80 % हाइड्रोजन, 19 % हीलियम और 1 % अन्य गैसे – मीथेन, अमोनिया मौजूद हैं |
इसके 14 प्राकृतिक उपग्रह हैं | जिसमें Triton उपग्रह सबसे बड़ा हैं |
इसके चारों ओर भी Rings मौजूद हैं | लेकिन ये शनि ग्रह की तुलना में बहुत हल्की हैं |
Voyager 2 एकमात्र अन्तरिक्ष यान हैं जो इसके पास से गुजरा |
कभी यह भी हुआ करता था ग्रह
बौना ग्रह यम ( Pluto )
Pluto
प्लूटो को कभी सौरमंडल का सबसे बाहरी ग्रह माना जाता था | लेकिन यह कोई ग्रह ना होकर सौरमंडल के बाहरी Kuiper Belt की सबसे बड़ी प्राकृतिक पिंड हैं |
इसकी कक्षा अनियमित प्रकार की हैं |
यह कभी तो Neptune ग्रह की कक्षा के अन्दर से जाती हैं और सूर्य से 4.4 अरब किलोमीटर दूर होता हैं | कभी इसकी कक्षा सूर्य से 7.4 अरब किलोमीटर दूर होती हैं |
इसका द्रव्यमान 1.309 X 1022 किग्रा. हैं |
इस पर नाइट्रोजन की जमी हुई बर्फ पाई जाती हैं |
प्लूटो को सूर्य के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में 248.09 वर्ष का समय लगता हैं |
इसकी खोज 18 फरवरी 1930 को हुई |
इस पर बहुत ही कमजोर वायुमंडल है जिसमे नाइट्रोजन, मीथेन, कार्बन डाईऑक्साइड आदि गैसे मौजूद हैं |
प्लूटो एक चट्टानी पिंड हैं |
इसका तापमान – 229 ०C के लगभग हैं |
इसके ज्ञात 5 प्राकृतिक उपग्रह हैं |
इसके उपग्रहों में Charon ( शैरन ) सबसे बड़ा है इसकी खोज सन 1978 में की गयी |
प्लूटो सौरमंडल के सबसे छोटे ग्रह बुध ग्रह के आकार के आधे से भी छोटा हैं |
नासा ने New Horizons नामक अन्तरिक्ष यान प्लूटो के अध्धयन के लिए भेजा |
इस पर एक दिन पृथ्वी के 6.39 दिनों के बराबर होता हैं |
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