एक ऐसा जीव जो अपना DNA इंसानों में फैला रहा हैं
Rhodnius

एक ऐसा जीव जो अपना DNA इंसानों में फैला रहा हैं
यह एक छोटा सा जीव हैं | इसका रंग हल्का काला – भूरा होता हैं | इसमें एक चूसक ( Sucker ) पाया जाता हैं | जिससे यह परजीवी, परपोषी जीव के रक्त को चूसता हैं | इसकी अब तक 16 प्रजातियाँ खोजी का चुकी हैं |
इंसानों के जीनोम पर होने वाले अध्धयनों से पता चला हैं कि हमारा आधा DNA ट्रांस्पोजोंस का बना होता हैं | DNA का ट्रांस्पोजोंस हिस्से में ऐसे जीन पाए जाते हैं जो इधर से उधर जाते रहते हैं या इनमे फेरबदल आसानी से हो सकता हैं | जो एक प्रजाति से दुसरी प्रजाति में जाते रहते हैं |
एक अध्धयन में पता लगा हैं कि Rhodnius नाम का एक रक्त चूसने वाला कीट पाया जाता हैं | जो चागास ( Chagas ) नाम की बीमारी फैलाता हैं | जो ट्रेम्पेनोजोम ( Trypanosoma ) नाम का एक परजीवी परपोषी ( यह जिस जीव का रक्त चूसता हैं ) के शरीर में डाल देता हैं |
यह एक ऐसा कीट हैं जो रक्त ग्रहण करने वाले
परपोषी के शरीर में ट्रेम्पेनोजोम नाम का परजीवी डालता हैं | साथ ही उस परपोषी के अन्दर अपने जीन भी डाल देता हैं | जिस कारण यह अपनी जीन उन जीवों तक पहुँचा देता हैं | इंसानों को भी यह चागास नाम की बीमारी होती हैं | इससे यह भी हो सकता हैं कि इंसानों के DNA में या अन्य जीवों के DNA में उस कीट का DNA का अंश मौजूद हों |
इससे यह भी हो सकता हैं कि हम इंसान कीट प्राणी हों | इससे यह जरूरी नहीं कि हमें वह कीट काटा हैं या नही | क्योंकि यह भी हो सकता है कि हमारे पूर्वजों को वह कीट काटा हों | जिससे उस कीट के जीन हमारे अन्दर मौजूद हो |
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